दिवाली पूजा 2024: लक्ष्मी पूजन मुहूर्त कब और कैसे का विस्तृत मार्गदर्शन
दिवाली पूजा मुहूर्त: 29 अक्टूबर से 3 नवंबर 2024 तक
दिवाली, जिसे प्रकाश का त्योहार भी कहा जाता है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतीक्षित उत्सवों में से एक है। इस वर्ष, दिवाली उत्सव 29 अक्टूबर से 3 नवंबर 2024 तक मनाया जाएगा। इन पाँच दिनों के दौरान, विभिन्न पूजा का आयोजन किया जाता है ताकि अलग-अलग देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके। इस लेख में, हम आपको प्रत्येक दिन की विशिष्ट पूजा और उनकी महत्ता के बारे में बताएंगे।
पहला दिन: धन तेरस कुबेर पूजा – धन संग्रह के लिए
धन तेरस क्या है?
धन तेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन धन के देवता, भगवान कुबेर को समर्पित है।
कुबेर पूजा का महत्व
इस दिन, भक्त भगवान कुबेर की पूजा करते हैं ताकि उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। इस पूजा में भगवान कुबेर को भोग अर्पित करना, मंत्रों का जाप करना और दीप जलाना शामिल है।
कुबेर पूजा कैसे करें
- पूजा स्थल को साफ करें और भगवान कुबेर की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- फूल, मिठाई, और फल अर्पित करें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- कुबेर मंत्र का जाप करें: “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिम मे देहि दापय स्वाहा।”
दूसरा दिन: दुर्गा पूजा काली चौदस पर – नजर दोष से बचाव के लिए
काली चौदस का महत्व
काली चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, दिवाली का दूसरा दिन है। यह दिन देवी दुर्गा को समर्पित है।
दुर्गा पूजा का महत्व
काली चौदस पर दुर्गा पूजा करने से बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें शक्ति प्रदान करती हैं।
दुर्गा पूजा कैसे करें
- पूजा स्थल को साफ करें और देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- लाल फूल, मिठाई, और फल अर्पित करें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- दुर्गा मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
तीसरा दिन: दिवाली महालक्ष्मी पूजा – लक्ष्मी कुबेर पूजा
महालक्ष्मी पूजा क्या है?
दिवाली का तीसरा दिन, जिसे मुख्य दिवाली दिवस भी कहा जाता है, धन और समृद्धि की देवी, देवी लक्ष्मी को समर्पित है।
महालक्ष्मी पूजा का महत्व
महालक्ष्मी पूजा करने से धन, समृद्धि, और सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्त मानते हैं कि इस दिन देवी लक्ष्मी उनके घरों में आती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं।
महालक्ष्मी पूजा कैसे करें
- पूजा स्थल को साफ करें और देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्तियाँ स्थापित करें।
- फूल, रंगोली और दीपों से सजाएं।
- मिठाई, फल, और विशेष व्यंजन अर्पित करें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
चौथा दिन: कनकधारा पूजा – लगातार इनकम को बढ़ाने के लिए
कनकधारा पूजा क्या है?
दिवाली के चौथे दिन कनकधारा पूजा की जाती है। यह पूजा लगातार वित्तीय वृद्धि और स्थिरता के लिए की जाती है।
कनकधारा पूजा का महत्व
कनकधारा पूजा से धन आकर्षित होता है और लगातार आय का प्रवाह सुनिश्चित होता है। यह विशेष रूप से व्यापारियों और उद्यमियों के लिए लाभकारी है।
कनकधारा पूजा कैसे करें
- पूजा स्थल को साफ करें और देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- पीले फूल, मिठाई, और फल अर्पित करें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- कनकधारा स्तोत्र का जाप करें और आरती करें।
पाँचवा दिन: श्री सुक्तम पूजा – सभी प्रकार की सुख, समृद्धि और सफलता के लिए
श्री सुक्तम पूजा का महत्व
दिवाली का पाँचवा और अंतिम दिन श्री सुक्तम पूजा के लिए समर्पित है। इस पूजा में देवी लक्ष्मी के श्री सुक्तम का पाठ किया जाता है।
श्री सुक्तम पूजा का महत्व
श्री सुक्तम पूजा करने से संपूर्ण सुख, समृद्धि, और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पूजा शांति, सौहार्द, और धन्यता लाती है।
श्री सुक्तम पूजा कैसे करें
- पूजा स्थल को साफ करें और देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- कमल के फूल, मिठाई, और फल अर्पित करें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- श्री सुक्तम का पाठ करें और आरती करें।
दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 2024 –
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर 2024 को 05:40 PM से 06:20 PM तक है। इस दौरान प्रदोष काल 05:40 PM से 08:15 PM तक और वृषभ काल 06:20 PM से 08:15 PM तक रहेगा। अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को 03:50 PM से शुरू होकर 1 नवंबर 2024 को 06:14 PM पर समाप्त होगी।
दिवाली पूजा में भाग लेने के फायदे
व्यक्तिगत विधियाँ
हम यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक पूजा आपके विशेष संकल्प और पूर्ण विधि विधान के साथ की जाती है। समूह पूजा के बजाय, हमारी विधियाँ पूरी तरह से व्यक्तिगत और आपके आवश्यकताओं पर केंद्रित होती हैं।
लाइव टेलीकास्ट
आप अपने मोबाइल या लैपटॉप से रियल टाइम में पूजा में भाग ले सकते हैं। यह सुविधा आपको कहीं से भी समारोह का हिस्सा बनने की अनुमति देती है।
बुकिंग विवरण
- 5-दिवसीय पूजा पैकेज: ₹11000
- एकल पूजा: ₹2700
अपनी पूजा बुक करने के लिए LivePujaYagya.com पर जाएं या अधिक जानकारी के लिए +91 9171314313 पर कॉल करें।
TALK TO ASTROLOGER NOW!
FOLLOW US ON FACEBOOK TO LEARN MORE ABOUT ASTROLOGY!
Subscribe our YouTube channel have more than 36k happy client.
निष्कर्ष
दिवाली केवल प्रकाश का त्योहार नहीं है, बल्कि यह समय है दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का, समृद्धि, सुरक्षा और संपूर्ण कल्याण के लिए। 29 अक्टूबर से 3 नवंबर 2024 तक इन विशिष्ट पूजाओं में भाग लेने से आप इस शुभ अवधि की आध्यात्मिक ऊर्जा का लाभ उठा सकते हैं।
FAQs
1. दिवाली पूजा का क्या महत्व है?
दिवाली पूजा का महत्व है कि यह विभिन्न देवताओं से धन, समृद्धि, सुरक्षा और संपूर्ण कल्याण के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है।
2. मैं दिवाली पूजा में कैसे भाग ले सकता हूँ?
आप BhjavishyaAstro.com पर जाकर दिवाली पूजा बुक कर सकते हैं। यह पूजा लाइव की जाती है और आप इसे अपने मोबाइल या लैपटॉप से अटेंड कर सकते हैं।
3. व्यक्तिगत पूजाओं के क्या फायदे हैं?
व्यक्तिगत पूजाएं आपकी विशेष संकल्प और आवश्यकताओं के अनुसार की जाती हैं, जिससे कि पूजाएं पूरी तरह से ध्यान और समर्पण के साथ की जाती हैं।
4. क्या मैं 5-दिन का पैकेज न लेकर एकल पूजा बुक कर सकता हूँ?
हाँ, आप ₹2700 में कोई भी एकल पूजा बुक कर सकते हैं अगर आप 5-दिन का पैकेज नहीं लेना चाहते।
5. 5-दिन की दिवाली पूजा पैकेज की कीमत क्या है?
5-दिन की दिवाली पूजा पैकेज की कीमत ₹11000 है।